Wednesday, August 31, 2011

मेरी आँखों से कोई उन्हें देख ले

कोई उन्हें देख ले
मेरी मोहब्बत को
पहचान ले
निरंतर दिल में
उठ रहे
जलजले को जान ले
मेरा पैगाम उन तक
पहुंचा दे
हाल-ऐ-दिल उन्हें
बता दे
मुझे मंजिल तक
पहुंचा दे 
31-08-2011
1424-146-08-11

माँ थोड़ी दूर मेरे साथ चलो

थोड़ी दूर मेरे
साथ चलो
थोड़ी सी हिम्मत
दे दो
थोड़ा साहस
बढ़ा दो
थोड़ा सहारा
दे दो
चलने का तरीका
सिखा दो
ना थकने का
रास्ता बता दो
गड्डों से बचने की
विधि समझा दो
माँ थोड़ी दूर मेरे
साथ चलो
चलने का कारण
समझा दो
गिर कर फिर
उठ सकूँ
निरंतर चल सकूँ
वो ढंग बता दो
मुझे मंजिल का 
पता बता दो
माँ थोड़ी दूर मेरे
साथ चलो
31-08-2011
1422-144-08-11

Tuesday, August 30, 2011

मेरे पास चढाने को कुछ नहीं भगवान्

मेरे पास चढाने को
कुछ नहीं भगवान्
मन में श्रद्धा,
दिल में भक्ती है
तुम्हारे लिए
पिता परमेश्वर
तुम रक्षक मेरे,
पोषक मेरे
ये जीवन तुम्हारा 
मैं संतान तुम्हारी
कुछ ना दो 
केवल प्रार्थना
स्वीकार करो
निरंतर
आशीर्वाद दो
भगवान्
30-08-2011
1420-142-08-11

आया मुबारक दिन ईद का

बहुत दिन बाद आया
मुबारक दिन ईद का
खुशियाँ मनाने का
रंजिशें मिटाने का
निरंतर इंसान बन कर
जीने का
अमन का पैगाम
फैलाने का
गिले शिकवे दूर करने का
मोहब्बत से जीने का
गले मिलते रहने का  
आया मुबारक दिन
ईद का  
31-08-2011
1419-141-08-11

क्या नहीं करता मोहब्बत में इंसान

क्या नहीं करता
मोहब्बत में इंसान
इबादत
खुदा की करता 
ज़हन में चेहरा
माशूक का होता
जुदाई में खुदा
याद तो आता
नाम जुबां पर
माशूक का होता
निरंतर
उसका नाम जपता
कोई मिला दे उससे
मान मुनव्वल करता
उठते,बैठते
ख्यालों ,ख़्वाबों में
राज़ दिल पर
माशूक का होता
मोहब्बत में मर जाता
मोहब्बत में जीता
रहता
उम्मीद और इंतज़ार
हर लम्हा रहता
रातों को जागना
आदत बन जाता
बेचैनी जीने का
ढंग हो जाता
30-08-2011
1418-140-08-11

इसी में खुश हूँ उसका चेहरा देख लेता हूँ

इसी में खुश हूँ
उसका चेहरा
देख लेता हूँ
दो पल के लिए
मुस्कारा लेता हूँ
उसकी बेरुखी
चुपचाप सह लेता हूँ
ग़मों को बर्दाश्त
कर लेता हूँ
वो खुश है इसी में
खुश हो लेता हूँ
30-08-2011
1417-139-08-11