Friday, February 17, 2012

मैं फिर माँ की गोद में पहुँच गया

उन्होंने मेरे सर पर
हाथ रखा
मेरी पीठ को थपथपाया
मुझे सीने से लगा लिया
मेरे सारे दर्द
अश्क बन कर बह
निकले
दिल में सुकून छा गया
मैं बेफिक्र हो गया
यूँ लगा
मैं फिर माँ की गोद में
पहुँच गया
17-02-2012
180-91-02-12

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