Wednesday, February 15, 2012

हम खुद गर्ज़ नहीं

कभी ये ना समझना
हम तुम्हें याद नहीं करते
ये बात जुदा है
हाल-ऐ-दिल नहीं बताते
हम तुम्हारे सोये हुए
ज़ज्बातों को
जगाना नहीं चाहते
मोहब्बत की
बुझी हुयी आग को
फिर से
भड़काना नहीं चाहते
हम खुद गर्ज़ नहीं
अपनी हसरतों की
चाहत में
किसी की बसी हुयी
दुनिया उजाड़ दें  
15-02-2012
173-84-02-12

1 comment:

***Punam*** said...

shaayad pyaar isi ko kahte hain....