Tuesday, June 5, 2012

झीना सा पर्दा



खूबसूरत
गुलाबी चेहरा
नागिन से लहराते
बाल
झील सी गहरी
नीली आँखें
रस भरे पतले होठ
मचल करहवा में
उड़ता हुआ दुपट्टा
तितली जैसे
रंग बिरंगे परिधान में
परी लग रही थी
शिकारी से बेखबर
हिरनी की
मदमाती चाल से
चली आ रही थी
चाहते हुए भी उसे
छू नहीं सका
ख्वाब और हकीकत
के बीच
एक झीना सा पर्दा था
उधर वो थी ,इधर में था

ये हकीकत नहीं
रोज़ दिखने वाला 
ख्वाब था
05-06-2012
563-13-06-12


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