Thursday, March 8, 2012

ज़िन्दगी क्या है ,कोई ना जाना अब तक

ज़िन्दगी क्या है
कोई ना जाना अब तक
सबने अपने अपने
अंदाज़ से देखा उसे
अपनी अपनी
निगाहों से पहचाना उसे 
किसी ने
नाम दिया ज़न्नत का
किसी ने
दोजख बता दिया
कोई बोला
ज़िन्दगी कशमकश है
तो किसी ने कहा मोहब्बत है
कुछ ने कहा
ज़िन्दगी एक ऐसा मंज़र
जहां हँसना रोना साथ है
एक राय
कोई कर ना कर सका
अब तक
बस इतना ज़रूर पता है 
दिल जब तक धड़कता
इंसान ज़िंदा कहलाता
जिस दिन रुक गया
समझो सफ़र पूरा हुआ
ज़िन्दगी क्या है
कोई ना जाना
अब तक
08-03-2012
329-63-03-12

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