Tuesday, March 20, 2012

होली पर कविता -हर बरस आती होली


हर बरस आती होली
बस्ती बस्ती घूमती
मस्तों की टोली
लिए हाथ में चंग
बजाते ढोलक और डफली
चलाते रंग भरी पिचकारी
खूब होता नाच गाना
होती हँसी ठिठोली
ऋतू बसंत में
उड़ता अबीर गुलाल
हो जाती सुबह गुलाबी
हर ह्रदय में सजती प्रेम
उमंग की होली
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई
बच्चे बूढ़े और जवान
मनाते मिल कर होली
हर बरस आती होली
20-03-2012
414-148-03-12


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