निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
"निरंतर" की कलम से.....: आशा: आधी रात का समय है सारा संसार सो रहा है जाग रहा है वो जो प्रेम में मग्न है चिंताओं से ग्रस्त है दर्द से पीड़ित है कर्म मे...
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