निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
"निरंतर" की कलम से.....: उपलब्धि: मित्र ने रत्न जडित कीमती घड़ी क्या खरीद ली सुबह से शाम तक घड़ी का गुणगान उसकी दिनचर्या बन गयी जीवन की बड़ी उपलब्धि हो गयी ...
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