निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
"निरंतर" की कलम से.....: संसार एक रंगमंच: संसार एक रंग मंच जीवन उस नाटक का नाम जिसका निर्देशक इश्वर अलग अलग पात्र निरंतर अभिनय करते कभी हँसते कभी गाते कभी इर्ष्या द्...
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