Tuesday, March 1, 2011

दिल से दिल मिलाया करो,कभी कभी मुस्कराया करो



कभी तो
किसी की सुना करो
हर वक़्त
गिला ना किया करो
अन्दर ही अन्दर ना
घुटा करो
रंज दिल में ना
रखा करो
बात दिल की कहा
करो
दिल से दिल मिलाया
करो  
कभी कभी मुस्कराया
करो
निरंतर ज़िन्दगी जिया
करो
01-03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

6 comments:

क्षितिजा said...

क्षितिजा .... ने आपकी पोस्ट " दिल से दिल मिलाया करो,कभी कभी मुस्कराया करो " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:

बहुत खूब राजेंद्र जी ....

nilesh mathur said...

nilesh mathur ने आपकी पोस्ट " दिल से दिल मिलाया करो,कभी कभी मुस्कराया करो " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:

बहुत सुन्दर!

Shahabuddin Ansari said...

Shahabuddin Ansari ने आपकी पोस्ट " दिल से दिल मिलाया करो,कभी कभी मुस्कराया करो " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:

NICE ONE

saurabh dubey said...

saurabh dubey ने कहा…

अच्छी कविता

१ मार्च २०११ १२:५७ अपराह्न

mridula pradhan said...

ब्लॉगर mridula pradhan ने कहा…

कभी कभी मुस्कराया
करो
bahut achchi lagi.

शिखा कौशिक said...

ब्लॉगर शिखा कौशिक ने कहा…

बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति .

१ मार्च २०११ ४:२४ अपराह्न