कभी तो
किसी की सुना करो
हर वक़्त
गिला ना किया करो
अन्दर ही अन्दर ना
घुटा करो
रंज दिल में ना
रखा करो
बात दिल की कहा
करो
दिल से दिल मिलाया
करो
कभी कभी मुस्कराया
करो
निरंतर ज़िन्दगी जिया
करो
01-03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
6 comments:
क्षितिजा .... ने आपकी पोस्ट " दिल से दिल मिलाया करो,कभी कभी मुस्कराया करो " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
बहुत खूब राजेंद्र जी ....
nilesh mathur ने आपकी पोस्ट " दिल से दिल मिलाया करो,कभी कभी मुस्कराया करो " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
बहुत सुन्दर!
Shahabuddin Ansari ने आपकी पोस्ट " दिल से दिल मिलाया करो,कभी कभी मुस्कराया करो " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
NICE ONE
saurabh dubey ने कहा…
अच्छी कविता
१ मार्च २०११ १२:५७ अपराह्न
ब्लॉगर mridula pradhan ने कहा…
कभी कभी मुस्कराया
करो
bahut achchi lagi.
ब्लॉगर शिखा कौशिक ने कहा…
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति .
१ मार्च २०११ ४:२४ अपराह्न
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