Monday, April 30, 2012

नज़रों में



बड़े भोलेपन से तुमने
कह दिया
बसा रखा है मुझे
तुमने अपनी नज़रों में
मैं भी उतना ही
चाहता हूँ तुम्हें
जितना तुम चाहती हो
देखता हूँ कब तक
बसा कर रखोगी
 नज़रों में
जब भी आँख खोलोगी
हकीकत में दिख
जाऊंगा
तुम्हारी तरह मैं भी
तुम्हें नज़रों में क़ैद
कर लूंगा
27-04-2012
475-56-04-12

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