Friday, April 13, 2012

सच मान बैठे



उसने वादा किया था
कल  फिर आऊँगी
कई दिन
कई रातें गुजर गयी
आँखों की नींद अधूरी रही
दिल की
धड़कन बढ़ती गयी
निगाहें रास्ते पर गढ़ी रहीं
जब थक कर पूंछा
मैंने किसी से
कहीं देखा है तुमने उसको
हंस कर वो कहने लगा
कभी मुझ से भी
वादा कर के गयी थी
मुझ से भी बेवफायी
करी थी
फर्क इतना ही है
मैंने यकीन नहीं किया
तुम सच मान बैठे उसके
वादे को
12-04-2012
438-19-04-12

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