अरमानों से लबालब हूँ
उम्मीद पे ज़िंदा हूँ
कोई मिले तो सही
मोहब्बत से सरोबार
कर दूं
बेकरारी खुद की कम
कर दूं
उसे ज़न्नत का अहसास
करा दूं
निरंतर सीने से लगा
कर रखूँ
दिल उसके नाम
कर दूं
खुद को भूल जाऊं
उसके खातिर जियूं
उसके खातिर मर जाऊं
13-06-2011
1042-69-06-11
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