निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
"निरंतर" की कलम से.....: मार्ग दर्शन: तेल भी है दिया भी है बाती भी है पर आग लगाने वाला कोई नहीं हिम्मत भी है होंसला भी है इच्छा भी है मगर पथ बताने वाला ...
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