निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
"निरंतर" की कलम से.....: प्रश्न यह नहीं है: प्रश्न यह नहीं है किसी से कुछ मिलेगा या नहीं मिलेगा प्रश्न यह भी नहीं कोई कुछ देगा या ना देगा जिससे भी मन मिलता है जिसे भी ह...
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