निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
"निरंतर" की कलम से.....: निश्चय अटल है: जगत में अन्धकार घना है मगर मन उजाले से भरा है ऊर्जा से उफन रहा है पथ कठिन है मगर निश्चय अटल है धमनियों में उबलता रक्त है अ...
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