Friday, June 3, 2011

ख्वाइश पूरी हो जाए,ऐसी इबादत चाहिए

दिल को छू जाए
ऐसी अदा चाहिए
सब को लुभाए
ऐसी जुबान चाहिए
तीर सी दिल में 
उतर जाए
ऐसी निगाह चाहिए
रोते को हंसा दे
ऐसी मुस्कान चाहिए
निरंतर हंसता रहे
ऐसी सूरत चाहिए
दुश्मन को भी गले 
लगा ले
ऐसी फितरत चाहिए
ज़िन्दगी भर साथ 
निभाए
ऐसी मोहब्बत चाहिए
सबको अपना बना सके
ऐसी किस्मत चाहिए
ख्वाइश पूरी हो जाए
ऐसी इबादत चाहिए
 03-06-2011
994-21-06-11

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