Monday, October 10, 2011

कोई उनसे पूछ ले



कोई उनसे पूछ ले
राज़-ऐ-दिल बता दे
क्यूं नज़र नहीं आते?
हमें इतना तडपाते?
ना जाने
कौन सा इम्तहान लेते
ज़ज्बातों से खेलते 
दिल में आग लगा कर
क्यूं  हवा देते ?
निरंतर इंतज़ार कराते
प्यासे की  प्यास
बढाते
ना खुद सुकून से रहते
ना हमें रहने देते
कोई उनसे पूछ ले
10-10-2011
1632-40-10-11

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