Friday, October 28, 2011

मनुष्य बना कर रखना तुम


तानाशाह का अंत
 समय था
अंतिम क्षण मन में
 सोच रहा था
क्यों इर्ष्या,द्वेष,अहम्
अहंकार में
व्यर्थ किये करोड़ों क्षण
छोड़ जाऊंगा पीछे अब
मनों में
खट्टी यादें लोगों के
याद कर
जिन्हें तिलमिलायेंगे वो
खुल कर गाली देंगे 
चीख चीख कर मेरा सत्य
संसार को  बताएँगे
मेरी कब्र पर
एक फूल भी ना चढ़ाएंगे
धन दौलत सब पीछे रह
जायेगी
परिवार की दुर्गती होगी
क्यों समझ नहीं आया
जीवन भर
निरंतर
भटकता रहा खुदा के
पथ से
अहम्, अहंकार ताकत ने
मुझ को
मनुष्य से राक्षस बनाया
अब आँख मुंदने वाली है
अंतिम दुआ मान लो
 मालिक
जन्म फिर से अवश्य देना
पर सम्राट नहीं बनाना तुम
अपनों से दूर ना होने देना 
अहम् अहंकार से दूर
रखना
मनुष्य बना कर
रखना तुम 
28-10-2011
1714-121-10-11
(लीबिया के तानाशाह शासक,कर्नल गद्दाफी की मौत पर)

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