Monday, October 10, 2011

ना मैंने उन्हें, ना उन्होंने मुझे सोने दिया


 ना मैंने उन्हें
ना उन्होंने मुझे
सोने दिया
ख़्वाबों में मिलने का
इंतज़ार होता  रहा
रात भर
दिल खुद-ब-खुद
गुफ्तगू करता रहा
निरंतर इक दूजे के
ख्यालों में खोता रहा
मोहब्बत ने दोनों को
बीमार-ऐ इश्क
बना दिया
10-10-2011
1631-39-10-11

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