Saturday, July 27, 2013

"निरंतर" की कलम से.....: कहीं बम फटे

"निरंतर" की कलम से.....: कहीं बम फटे: कहीं बम फटे मैं शक से देखा जाता हूँ खाकी निकर पहन कर निकलता हूँ तो काफिर कहलाता हूँ कहीं मस्जिद में कुछ  फेंका  जाता है मु...

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