Thursday, May 31, 2012

प्रिये तुम्हारी मधुर वाणी में कोई गीत सुना दो


प्रिये तुम्हारी
मधुर वाणी में कोई
गीत सुना दो
मेरे अंतर्मन को
उल्लास से भर दो
खुशी के अंकुर को
प्रस्फुटित कर दो
निराशा के भावों को
आशा कि वर्षा से
धो दो
रोम रोम में विश्वास के
महकते पुष्पों को
पल्लवित कर दो
ह्रदय में प्रेम सरिता
प्रवाहित कर दो
जीवन को
उत्साह के रंगों से
भर दो
मुझे संताप से मुक्त
कर दो
प्रिये तुम्हारी
मधुर वाणी में कोई
गीत सुना दो
30-05-2012
550-70-05-12

Wednesday, May 30, 2012

बहुत व्यस्त थे हम

कई दिन के
इंतज़ार के बाद उनका
फ़ोन आया
ना देरी की माफी माँगी
ना ही कोई बहाना बनाया
बहुत व्यस्त थे हम
कह कर पीछा छुडाया
अभी ज़ल्दी में है
बाद में फुर्सत से बात करेंगे
कह कर फ़ोन बंद कर दिया
पहले जैसे ही
इस बार भी रुलाया
दिन रात याद  करने  का
बहाना मिल गया
फ़ोन करने का सिलसिला
शुरू हो गया
इस बार भी उन्होंने
ना फोन उठाया
ना ही याद किया
उम्मीद में भी
नाउम्मीदी का दौर
चलता रहा
मायूसी बढ़ती गयी
सोचा आखिरी बार
कोशिश कर लूं
सहमते हुए फ़ोन किया
तो मीठी आवाज़ से
स्वागत हुआ
आपने याद किया
देख भी लिया था
पर क्या करें
बात नहीं कर सके
बहुत व्यस्त थे हम
30-05-2012
549-69-05-12

उनसे मेरी मुलाक़ात करा दे

खुदा से इल्तजा है
ज़िन्दगी की चादर से
हसरतों की नाकामियों के
दाग मिटा दे
सूखे हुए आंसूओं को
कामयाबी के पानी से
धो दे
मोहब्बत के सफ़र में
 गिरता पड़ता रहा हूँ
राह को थोड़ा आसान
बना दे
उनसे मेरी मुलाक़ात
करा दे
तडपते हुए दिल को
सुकून दे दे
30-05-2012
548-68-05-12

हम खुश किस्मत हैं,हमें गाँधी,सुभाष मिले

हम खुश किस्मत हैं
हमें गाँधी,सुभाष मिले
पटेल,शास्त्री भी मिले
हम आज़ाद भी हुए
हमें गणतंत्र मिला,
प्रजातंत्र भी मिला
फिर इतने बदकिस्मत
कैसे हो गए
भ्रष्ट और स्वार्थी
नेताओं का राज मिला
ऊपर जाऊंगा तब
इश्वर से पूछूंगा ज़रूर
ये अंग्रेजों की
बद्दुआ का असर है
या फिर
हमारे कर्मों का
फल है
30-05-2012
547-67-05-12


हसरतों की नुमाइश

कोई कह रहा था
वो हमें
याद भी नहीं करते
ना जाने हकीकत
बता रहा था
या दिल जला रहा था
इतना ज़रूर पता है
खुद की हसरतों की
नुमाइश कर रहा था
30-05-2012
546-66-05-12