जब तक
थे साथ हमारे
थे साथ हमारे
कदम नहीं
बहकते थे उनके
बहकते थे उनके
हुए जब से जुदा हमसे
होश नहीं उनको
मदहोश भी इतने
सम्हाले नहीं सम्हलते
गरूर भी इतना
मुंह से नहीं कहेंगे
फिर साथ चाहिए
हमारा
उनकी शर्तों पे
हम आगे बढ़ कर
हाथ भी थाम ले
तो छुडायेंगे भी नहीं
पर कहेंगे ज़रूर
तुम्हें ही ज़रुरत
हमारी
हम तो पहले ही
खुश थे
28-05-2012
532-52-05-12
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