बरसों बाद
जब मिला उनसे
ना उनके चेहरे पर
हँसी थी
ना मेरे चेहरे पर खुशी थी
समझ नहीं आया
क्यूं फिर इतनी दूरी थी
क्या गलतफहमी थी
जब बह रहे थे
दोनों गम की नदिया में
फिर क्यूं दो धाराएं थी
क्या वो भी यही
सोचते होंगे
जो मैं सोचता हूँ
कब धाराएं मिल कर
एक होगी
कब फिर साथ बहेंग
12-05-2012
515-29-05-12
515-29-05-12
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