Saturday, May 12, 2012

बरसों बाद जब मिला उनसे

बरसों बाद
जब मिला उनसे
ना उनके चेहरे पर
हँसी थी
ना मेरे चेहरे पर खुशी थी 
समझ नहीं आया
क्यूं फिर इतनी दूरी थी
क्या गलतफहमी थी
जब बह रहे थे
दोनों गम की नदिया में
फिर क्यूं दो धाराएं थी
क्या वो भी यही 
सोचते होंगे
जो मैं सोचता हूँ
कब धाराएं मिल कर
एक होगी
कब फिर साथ बहेंग
12-05-2012
515-29-05-12

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