Tuesday, May 15, 2012

सीधी सादी लडकी

उस सीधी
सादी लडकी को
जिसके चेहरे पर
कभी सौन्दर्य प्रसाधन की
छाया भी नहीं देखी
जो सदा साधारण से
कपड़ों में दिखती थी
आज मेरे घर के
दरवाज़े पर
सौन्दर्य की प्रतिमूर्ती
बन कर खडी थी
किसी परी से लग रही थी  
मैंने जिज्ञासावश
पूछ लिया
इतना बन ठन कर
आयी हो
आज कोई
विशेष बात है क्या
उसने मुस्काराते हुए
सर झुकाया
फिर शर्माते हुए
धीरे से बोली
आज जीवन में
अवर्णनीय खुशी का
दिन है
बरसों से दबी इच्छा
आज पूरी होगी
आप से पहली बार
अकेले में
मुलाक़ात जो होगी
14-05-2012
520-40-05-12

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