आज कोई उनका लिखा
नगमा सुना दे
उनके करीब होने का
अहसास करा दे
ना करे
फ़िक्र सुर और साज़ की
ना ही लय और ताल की
बस वो
सुरीला नगमा सुना दे
उनकी कलम से निकले
अल्फाजों से
दिल को सुकून दे दे
एक एक लफ्ज़
उनकी कलम से निकले
अल्फाजों से
दिल को सुकून दे दे
एक एक लफ्ज़
दिल में बवंडर
मचाएगा
बीते वक़्त के
समंदर में ले जाएगा
दिल मोहब्बत में
फिर से डूब जाएगा
अब वो नहीं इस जहाँ में
बीते वक़्त के
समंदर में ले जाएगा
दिल मोहब्बत में
फिर से डूब जाएगा
अब वो नहीं इस जहाँ में
भूल जाएगा
जिस्म का एक एक रोम
जिस्म का एक एक रोम
मदहोश हो जाएगा
बहक कर नाचने लगेगा
खुद भी गाने लगेगा
वो नगमा जो उन्होंने
लिखा था
आज कोई उनका लिखा
नगमा सुना दे
बहक कर नाचने लगेगा
खुद भी गाने लगेगा
वो नगमा जो उन्होंने
लिखा था
आज कोई उनका लिखा
नगमा सुना दे
14-05-2012
522-42-05-12
522-42-05-12
No comments:
Post a Comment