Tuesday, May 15, 2012

माँ ही जननी,माँ ही पोषक


माँ ही जननी
माँ ही पोषक
माँ ही रक्षक
माँ ही पथ प्रदर्शक
माँ स्नेह  सरिता
माँ करूणा का सागर
माँ का आशीष
पारस मणी
माँ की गोद अनंत चैन
माँ के
समीप ह्रदय संतुष्ट
माँ का
वर्णन असंभव है
माँ तो केवल माँ है
ना हुआ उसके जैसा कभी
ना ही होगा कोई कभी
जिसने भी जान लिया
माँ का सत्य
जीवन हो जाएगा
उसका तर 
13-05-2012
519-39-05-12

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