बेचैनियाँ
इतनी मिली ज़िन्दगी में
सुकून
कभी मिल भी जाए
ज़िन्दगी के सफ़र में
पहचान नहीं पाऊंगा
अजनबी समझ
बगल से निकल जाऊंगा
इतना सताया मुझे
ज़िन्दगी में सुकून ने
पहचान भी लूं
तो दोस्ती नहीं करूंगा
बेचैनियों से बेवफ़ाई भी
नहीं करूंगा
जिन्होंने ज़िन्दगी भर
साथ निभाया
11-05-2012
511-26-05-12
511-26-05-12
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