Tuesday, February 21, 2012

अब मेरे पास भी माँ है

बरसों पहले
माँ से बिछड़े हुए
बालक का जब
अपनी माँ से
मिलना हुआ
तो उसकी सदा
दर्द में डूबी आँखों में
एक विजेती सी
चमक थी
मुरझाया हुआ चेहरा
दर्प में 
 विश्व विजेता सा
मुस्कारा रहा था
बड़े रौब से माँ की
ऊंगली पकड़ कर
कुछ इस तरह चल
रहा था
मानों दुनिया को
कह रहा हो
दुनिया वालों
अब मेरे पास भी माँ है
उसका आशीर्वाद है
अब मुझे किसी बात की
चिंता नहीं है
21-02-2012
208-119-02-12

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