Monday, February 13, 2012

चुप रह कर काम चलाऊंगा

मुझे पसंद
आये या ना आये
तुम्हारी हर बात का
उत्तर देना आवश्यक नहीं
अगर उत्तर
पसंद नहीं आया तुमको
पलट कर तुम भी
कुछ कहोगे मुझको
सिलसिला बंद नहीं होगा
बहस में बदल जाएगा
दोनों तरफ त्योंरिया 
चढ़ेगी
अपनी अपनी बात को
सही ठहराने की होड़
मचेगी
बहस झगडे मैं बदल
जायेगी
रिश्तों की बली चढ़
जायेगी
नहीं चाहता 
छोटी सी बात
रिश्तों के टूटने का कारण 
 बन जाए
अब तय कर लिया
चुप रह कर काम 
चलाऊंगा
अपमान को सहने की
शक्ति बढ़ाऊंगा

1 comment:

Dr.Neha Nyati said...

very rightly said.......