Tuesday, February 14, 2012

तूँ मुझसे खफा हो जाए

तूँ मुझसे
खफा हो जाए
और मैं
खामोश बैठा रहूँ
ये मुमकिन नहीं
तेरी नाराजगी पर
मैं भी नाराज़ हो जाऊं
ये भी मुमकिन नहीं
तुझे खुश करने के लिए
तेरे पैरों में गिर जाऊं
ये भी मुमकिन नहीं
मुमकिन है तो सिर्फ
एक बात
तुझे गोद में उठा कर
ले आऊँ
तेरे गालों को चूम लूँ
फिर नाराज़ 
ना करने की कसम 
खा लूँ
तुझे फिर कभी
मेरे पास से जाने
ना दूं
14-02-2012
168-79-02-12

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