Wednesday, February 15, 2012

प्यारा दुलारा नन्हा सा पिल्ला (बाल कविता)

प्यारा दुलारा
नन्हा सा पिल्ला
घर में सब को अच्छा
लगता
कुछ वर्षों में बड़ा हो कर
कुत्ता कहलायेगा 
अनजान को देख कर
जोर से भौंकेगा
घर में सब को चौकन्ना
करेगा
चोरों को घर में घुसने
नहीं देगा
उनसे हमारी रक्षा करेगा
सुबह शाम घूमने जाएगा
दूध रोटी से पेट भरेगा
घर वालों को देख
प्यार से पूंछ हिलाएगा
खूब दौड़ेगा,खूब खेलेगा
निरंतर हमको अपना
समझेगा
हमको कभी नहीं काटेगा
जानवर हो कर भी
परिवार का सदस्य
कहलायेगा
मरते दम तक
वफादारी निभाएगा 
15-02-2012
172-83-02-12

1 comment:

Dr.Neha Nyati said...

lovely poem showing immense love,care,and affection for the pets....describing life of a pet in very simple words