Wednesday, September 19, 2012

क्यों लोग पल पल में अपनी फितरत बदलते



क्यों लोग पल पल में
अपनी फितरत बदलते
देख कर भी अनदेखा करते
आशंकाओं से घिरे रहते
मन में कुंठा
दिल में भ्रम पालते
क्यों इतने विचलित रहते
हंसना चाहते
पर मुस्कारा भी नहीं पाते
असहज ही जीते रहते
740-36-19-09-2012


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