Thursday, August 8, 2013

"निरंतर" की कलम से.....: चाहे कलम बदल दूं

"निरंतर" की कलम से.....: चाहे कलम बदल दूं: चाहे कलम बदल दूं चाहे हर्फों में हेर फेर कर दूं सुबह लिखूं शाम लिखूं हर बार एक ही लफ्ज़ आ जाता  हैं कागज़ पर उसका नाम ही...

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