Tuesday, August 21, 2012

इतना खौफज़दा हूँ



तुम से मिलने से पहले ही
दिल पर पत्थर रख कर
यादों के ताजमहल
बना लिए मैंने
मुझे पता नहीं मिल कर
क्या सोचोगी
क्या कहोगी मुझसे
जब तुमसे पूछूंगा
अभी से बता दो
तुम्हारा इरादा क्या है
क्या तुम भी वैसे ही
ज़ज्बातों से खेलोगी ?
जैसे हर मुस्कारा कर
मिलने
वाले ने खेला अब तक
क्या करूँ?
इतना खौफज़दा हूँ
इतनी बार धोखा खाया है
यादों के सहारे जी लूंगा
पर फिर धोखा नहीं
 खाऊंगा
21-08-2012
665-25-08-12

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