Sunday, August 26, 2012

कभी हँसी भी दे दे मुझे



या खुदा जी भर कर के
सज़ा दे दे मुझे
बस इतनी सी इल्तजा तुमसे 
जितनी भी सज़ा देनी है
एक बार ही दे दे मुझे
यूँ तिल तिल कर ना
मार मुझे
हर लम्हा ना रुला मुझे
कभी जीने का मौक़ा
भी दे दे मुझे
रुआंसे चेहरे पर कभी
हँसी भी दे दे मुझे
26-08-2012
700-60-08-12

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