Tuesday, August 21, 2012

खामोश है फिजा



खामोश है फिजा
खामोश  हैं पेड़ पत्ते
खामोश है
तालाब का पानी
सब इंतज़ार में
कब मोहब्बत की हवा
चल जाए
मौसम खुशगवार
हो जाए
हसरतों के कंकर
ठहरे पानी में
ज़लज़ला मचाये
चारों तरफ
मोहब्बत की महक
फ़ैल जाए
फिजा में रवानी
आ जाए
21-08-2012
678-38-08-12

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