खामोश है फिजा
खामोश हैं पेड़ पत्ते
खामोश है
तालाब का पानी
सब इंतज़ार में
कब मोहब्बत
की हवा
चल जाए
मौसम खुशगवार
हो जाए
हसरतों के कंकर
ठहरे पानी में
ज़लज़ला मचाये
चारों तरफ
मोहब्बत की
महक
फ़ैल जाए
फिजा में रवानी
आ जाए
21-08-2012
678-38-08-12
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