तुम से मिलने
से पहले ही
दिल पर पत्थर
रख कर
यादों के ताजमहल
बना लिए मैंने
मुझे पता नहीं
मिल कर
क्या सोचोगी
क्या कहोगी
मुझसे
जब तुमसे पूछूंगा
अभी से बता
दो
तुम्हारा इरादा
क्या है
क्या तुम भी
वैसे ही
ज़ज्बातों से
खेलोगी ?
जैसे हर मुस्कारा
कर
मिलने
वाले ने खेला
अब तक
क्या करूँ?
इतना खौफज़दा
हूँ
इतनी बार धोखा
खाया है
यादों के सहारे
जी लूंगा
पर फिर धोखा
नहीं
खाऊंगा
21-08-2012
665-25-08-12
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