मेरे ग़मों को
मुझे ही
सहने दो
आंसूओं को पीने
दो
ना चुप कराओ
ना एक लफ्ज़
हमदर्दी का
कहो
जो लिखा मेरी
किस्मत में
मुझे ही भुगतने
दो
जो चाहते नहीं
हँसू कभी
उन्हें खुल
कर हँसने दो
उनके दिल को
सुकून
मिलने दो
बस एक ख्वाहिश
बाकी है दिल
में
दुनिया से जाने
से पहले
एक बार मैं
भी खुल कर
हँस लूं
एक छोटी सी
गुजारिश मेरी
चाहने वालों
से
बस इतनी सी
दुआ
कर लो
26-08-2012
699-59-08-12
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