इस बार भी बारिश
में
पानी तो बरसेगा
पर बरखा की
फुवारों में
भीगने का
मन नहीं करेगा
पेड़ों के पत्ते
भी धुल कर
चमकने लगेंगे
पर मेरे चेहरे
से
उदासी के बादल
नहीं छटेंगे
मिट्टी की सौंधी
खुशबू भी आयेगी
मेरे मन की
उदासी
नहीं जायेगी
इस बार की बारिश
में
वो मेरे साथ
जो
नहीं होंगी
13-08-2012
660-20-08-12
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