खुद की ज़िन्दगी
का
बोझ कम करने
के लिए
ज़िन्दगी भर
दूसरों का बोझ
उठाता
नहीं देखता
हिन्दू या मुसलमान
राजा या रंक
उसे तो मतलब
है
ज़िंदा रहने
के लिए
बोझ उठा कर
मिलने वाले कुछ पैसों से
सवेरे का उजाला
हो
या रात का अन्धेरा
बोझ उठाने को
ना मिले तो
चेहरा रूआंसा
हो जाता
उम्र कितनी
भी हो जाए
हँसते रहने
के लिए
बोझ उठाना ज़रूरी
है
उत्तर से दक्षिण
तक
पूरब से पश्चिम
तक
हर रेलवे स्टेशन
पर
मिलने वाला
लाल कमीज़
सफ़ेद पाजामे
वाला
वो हमारा कुली
है
26-08-2012
697-57-08-12
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