मिलना चाहूंगा
उनसे
जिनसे अभी तक
मिला नहीं
जानना चाहूंगा
उन्हें
जिन्हें अभी
तक
जाना नहीं
नहीं जान पाऊंगा
नहीं मिल पाऊंगा
तो तमन्ना साथ
ले
जाऊंगा
पर भूलना चाहूंगा
उन्हें जो मिले
तो सही
पर उनके दिल
साफ़
नहीं थे
शक्ल सूरत से
इंसान दिखते
ज़रूर थे
मगर इंसान नहीं
थे
मगर जाने से
पहले उन्हें
धन्यवाद
ज़रूर देकर जाऊंगा
उन्होंने ही
तो सिखाया मुझको
किसी की यादें
साथ
लेकर जाऊं
किसकी यादें
यहीं
छोड़ जाऊं
29-29-15-01-2013
जीवन ,मिलना
जुलना ,इंसान,यादें,याद
डा.राजेंद्र
तेला,निरंतर
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