महाकाव्य
लिखने के प्रयास में
चंद कवितायें तक
नहीं लिख सका
कलम तो थकी नहीं
हिम्मत का कागज़
जवाब दे गया
अपनों के
प्रतिकार से सहम कर
सदा की तरह चुप
हो गया
खुद के दुखों को
बाज़ार करने से
बच गया
45-45-24-01-2013
हिम्मत, प्रतिकार
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
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