Friday, March 8, 2013

निश्चित ही मैं भी नश्वर हूँ



शरीर नश्वर
निश्चित ही मैं भी नश्वर हूँ
जब परमात्मा के इस अभेद्य
नियम का पालन होगा
क्या बचेगा
मुट्ठी भर राख और अस्थियाँ
उन्हें भी किसी नदी में
बहा दिया जाएगा
मेरा नाम भी कितनों को
कितने दिन याद रहेगा
धीरे धीरे याद रखने वालों के
साथ ही लुप्त हो जाएगा
उस गुलाब के फूल की तरह
जो बगीचे में खिलता है
सबकी आँखों का तारा होता है
महक से सबको लुभाता है
उसी बगीचे में एक दिन
सूख जाता है
पत्तियाँ बगीचे की मिट्टी में
लुप्त हो जाती हैं
बगीचा फिर भी कभी
वीरान नहीं होता
नए पेड़ पौधे,
नए फूल खिलते रहते हैं
17-17-07-01-2013
जीवन,शरीर,नश्वर,मृत्यु
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर

No comments: