Monday, March 4, 2013

हर इच्छा किसकी पूरी होती है



रोज़ चमकते चमकते
सूरज बेचारा थक गया
थक हार कर अपनी व्यथा
चाँद को बताने लगा
तुम कितने खुश किस्मत हो
पूनम को पूरे खिलते हो
बाकी समय
कम में काम चलाते हो
ना थकते हो
ना व्यथित होते हो
चाँद ने उत्तर दिया
मित्र क्यों ऐसा सोचते हो
हर इच्छा
किसकी पूरी होती है
मैं भी चाहता हूँ
सातों दिन पूर्णिमा हो
जैसे तुम हर दिन
चमकते हो
वैसे ही मैं भी हर दिन
चमकूँ
नित्य धरती को
चांदनी से भर दूं
08-08-03-01-2013

चाँद,सूरज,इच्छाएं,आशाएं ,कामना,आशा,
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर

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