Thursday, May 10, 2012

मेरी आँखों ने जो देखा



पैसा,सत्ता, ताकत ही
सब कुछ है
इमानदारी बकवास
लूट खसोट करना
भ्रष्ट होना सबसे उत्तम  है 
ना यह सत्य है
ना ही भावनाओं का
उबाल
ना मस्तिष्क की उपज
ना ही ह्रदय की आवाज़
ये केवल
मेरी आँखों ने जो देखा
मेरे कानों ने जो सुना
मेरे शहर में
फुटपाथ पर लेटे
भूख से मर रहे
एक गरीब असहाय ने
आंसू बहाते हुए 
जो कहा
उसका वर्णन है
08-05-2012
504-19-05-12

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