Thursday, May 10, 2012

भ्रूण ह्त्या पर कविता-मुझे जन्म तो लेने दो


मुझे जन्म तो लेने दो
संसार को देखने तो दो
वैसे ही बहुत कुछ
सहना होगा
लपलपाती नज़रों से
खुद को बचाना होगा
पुरुषों का तिरिस्कार
सहना होगा
हवस का शिकार
होना पडेगा
माँ ,बेटी ,पत्नी का
पात्र निभाना होगा
चूल्हे ,चक्की की
भट्टी में पिसना होगा
खुद से पहले दूसरों को
खिलाना होगा
अपने हाथों से पाप
मत करो
जन्म से पहले
मुझे मत मारो
इश्वर को
क्या जवाब दोगे
ये भी ध्यान कर लो
मुझे जन्म तो लेने दो
मुझे जन्म तो लेने दो
10-05-2012
509-24-05-12

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