मेरी यादों
को
मिटाने की कोशिश
में
वो मेरे खतों
को फाड़ रहे हैं
मेरी तस्वीरों
को जला रहे हैं
घर के कोने
कोने से
मुझसे जुडी
हर चीज़ का
नाम-ओ-निशाँ
मिटा रहे हैं
चाहे कितनी
भी नफरत
कर लें मुझसे
मेरे साथ बिताए
लम्हों को
कैसे मिटायेंगे
दिल में ज़ज्ब
मेरी सूरत को
कैसे हटायेंगे
14-09-2012
732-28-09-12
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